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सोमेश सरंपच का जन्म चरखी दादरी जिला भिवानी हरियाणा का जिला मुख्यालय से 28km की दुरी पर व दादरी शहर से 3km की दुरी पर स्थित गाँव घिकाडा मे समाजसेवी श्रीनीवास के बेटे भायतीय फौज के अधिकारी सुबेदार सत्यवीर सिंह के घर पर माता श्रीमती सुनीता की कोख 25 जुन 1988 सुबह के समय 6: am पर हुआ सोमेश सरंपच का शुरूवात का जन्म दादा श्रीनीवास के साथ बीता दादा श्रीनीवास का परिवार मे इकलौता बडा पोता होने की वजह से काफी लगाव रहा उसके बाद सोमेश सरंपच के सगे चाचा उधोगपति सत्यपाल व चाची जिनको माँ ही कहते है चाची अनीता के साथ मुम्बई मे बीता सोमेश सरंपच की पढाई राजस्थान के सुरतगढ कैन्ट मे कैन्द्रीय विधालय व टैगोर स्कुल मे हुई उस समय पिताजी की डयुटी वहा पर थी उसके बाद गुजरात के धाग्रदरा के कैन्द्रीय विधालय व आर्मी स्कुल मे उसके बाद नवी मुम्बई के सीबीडी बेलापुर मे नवी मुम्बई मे हुई व दादरी पब्लिक दादरी मे हुई सन 2007 मे दादा जी की मृत्यु के बाद मुम्बई मे जाकर चाचा के साथ बिजनैश मे हाथ बटाया व आजतक न्युज चैनल मे रिपोर्टर का कार्य किया उसके साथ साथ गऊओ की समाज सेवा मे बढ-चढ कर भाग लेते रहै और इन सब कार्यो मे परिवार का व दादा स्व श्रीनीवास का माता पिता भाई बहन चाचा चाची का विशेषकर सहयोग रहा सन 2015 मे वापिस मुम्बई से गाँव मे पहुँचकर कई वर्षो से अधुरी पडी दादरी घिकाडा सडक मार्ग व बिजली की लाईन लौहारू कैनाल rd 0 से जुडवाकर ग्रामीणो का दिल जीत लिया जिन कार्यो को ईलाके का विधायक व सांसद नही करवा सके उन सभी कार्य को सोमेश सरंपच ने एक साधारण आदमी होते हुऐ करवाया उसके बाद 24 जनवरी 2016 को ग्रामीणो ने गाँव का सरंपच बना कर सोमेश के सिर पर ताज रख दिया और आगे बढने के लिए आर्शीवाद दिया ।
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